ऐप

रितिका जिंदल की IAS सफलता की कहानी: पिता की कैंसर की लड़ाई और UPSC की तैयारी के बीच रचा इतिहास

August 15, 2024   |   Vikas Bhalla   |  

रितिका जिंदल की IAS सफलता की कहानी: पिता की कैंसर की लड़ाई और UPSC की तैयारी के बीच रचा इतिहास

रितिका जिंदल का IAS बनने का सफर कई चुनौतियों और प्रेरणाओं से भरा हुआ है। उनकी यह प्रेरक यात्रा तब शुरू हुई जब उनके पिता कैंसर से जूझ रहे थे, और रितिका को अपनी UPSC की तैयारी के साथ-साथ उनके इलाज की जिम्मेदारी भी संभालनी पड़ी। पंजाब के मोगा जिले से ताल्लुक रखने वाली रितिका ने IAS बनने का फैसला तब किया, जब उन्हें अपने शहर में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ा।

कठिन परिस्थितियों में UPSC की तैयारी

पंजाब के मोगा जिले की निवासी रितिका जिंदल ने अपने पिता के कैंसर से संघर्ष के दौरान UPSC की तैयारी की। मोगा में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण, रितिका को अपने पिता के इलाज के लिए बार-बार लुधियाना जाना पड़ता था। यही वह समय था जब रितिका ने ठान लिया कि वे एक IAS अधिकारी बनेंगी, ताकि वह अपने इलाके की स्थिति में सुधार कर सकें।

प्रारंभिक संघर्ष और पहला असफल प्रयास

दिल्ली के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से ग्रेजुएशन करने के बाद, रितिका ने UPSC परीक्षा की तैयारी शुरू की। 2018 में उन्होंने अपना पहला प्रयास किया, लेकिन इंटरव्यू तक पहुंचने के बावजूद अंतिम मेरिट सूची में स्थान नहीं बना सकीं। यह असफलता उनके लिए एक बड़ा झटका थी, लेकिन उनके पिता ने उन्हें हिम्मत दी और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

दूसरी कोशिश में मिली बड़ी सफलता

रितिका ने अपने पिता की लड़ाई और खुद की चुनौतियों से हार मानने के बजाय, दोबारा तैयारी शुरू की। उन्होंने 2019 में UPSC परीक्षा में 88वीं रैंक हासिल की। यह सफलता उनके लिए और भी खास थी क्योंकि उसी समय उनके पिता ने कैंसर से जंग जीत ली थी। रितिका को अपने पिता के साथ अस्पताल में रहते हुए UPSC के परिणामों की जानकारी मिली, जिसने इस जीत को और भी यादगार बना दिया।

22 साल की उम्र में IAS अधिकारी बनने का रिकॉर्ड

रितिका ने केवल 22 साल की उम्र में IAS अधिकारी बनने का रिकॉर्ड बनाया। वह शुरू से ही पढ़ाई में उत्कृष्ट रही हैं, और 12वीं कक्षा में पूरे उत्तर भारत में कॉमर्स स्ट्रीम में पहला स्थान प्राप्त किया था। इस उपलब्धि के लिए उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सम्मानित किया गया था। इसके बाद 2017 में रितिका ने 95% अंकों के साथ अपनी ग्रेजुएशन पूरी की और UPSC की तैयारी में जुट गईं।

रितिका की सफलता से सीख

रितिका जिंदल की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो जीवन की कठिनाइयों के बीच भी अपने सपनों का पीछा नहीं छोड़ते। पिता की बीमारी और परीक्षा की तैयारी के दोहरे संघर्ष को पार करते हुए, रितिका ने यह साबित किया कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है।

**Keywords:** Ritika Jindal IAS, UPSC Success Story, IAS Officer at 22, Cancer Fighter Father, Punjab Moga IAS, IAS Preparation Struggles, UPSC Topper, Ritika Jindal Journey, Inspirational IAS Story, IAS Record at Young Age.

loader-image
Lucknow, IN
10:56 am, Nov 14, 2024
temperature icon 25°C
smoke
Humidity 69 %
Pressure 1016 mb
Wind 2 mph
Wind Gust Wind Gust: 0 mph
Clouds Clouds: 0%
Visibility Visibility: 1.2 km
Sunrise Sunrise: 6:25 am
Sunset Sunset: 5:16 pm