मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए ढाई साल बाद एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें उत्तर प्रदेश महिला आयोग का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
अपर्णा यादव ने 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का दामन थामा था। उस समय कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें भाजपा से टिकट मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसके बाद कई अवसरों पर उनके एमएलसी बनने या उपचुनाव में भाग लेने की चर्चा चली, लेकिन भाजपा ने उन्हें कोई महत्वपूर्ण भूमिका नहीं दी। यहां तक कि एक बार तो चर्चा थी कि उन्हें डिंपल यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ मैदान में उतारा जाएगा, लेकिन यह भी नहीं हुआ। अब, लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार और समाजवादी पार्टी (सपा) की बड़ी सफलता के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी दी गई है।
मंगलवार शाम को उत्तर प्रदेश महिला आयोग में अपर्णा यादव की उपाध्यक्ष नियुक्ति की अधिसूचना जारी हुई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आगरा की बबीता चौहान को महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया, जबकि गोरखपुर की चारू चौधरी को भी उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
अपर्णा यादव मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं। प्रतीक और अपर्णा ने स्कूल के दिनों में एक-दूसरे को जानने के बाद प्रेम विवाह किया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने उन्हें समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह भाजपा की रीता बहुगुणा जोशी से हार गई थीं।
2022 के चुनाव से पहले अपर्णा यादव ने अचानक समाजवादी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल होने का निर्णय लिया। तब ऐसा माना जा रहा था कि उन्हें भाजपा से लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा के प्रचार में उनकी भूमिका रही, लेकिन उन्होंने अखिलेश और डिंपल यादव के खिलाफ प्रचार से दूरी बनाए रखी। अब, समाजवादी पार्टी की ताकतवर वापसी के बाद, अपर्णा को भाजपा में दी गई इस नई जिम्मेदारी को कई तरह से देखा जा रहा है।