Household Real Income Decline: एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ समय से लोगों की कमाई में गिरावट आई है। कई गिरावट कई कारणों से आई है। वहीं रिजर्व बैंक ने लोन से जुड़े नियम काफी सख्त कर दिए हैं। इसके चलते रिटेल से लेकर क्रेडिट कार्ड तक के लोन में भी गिरावट देखने को मिली है। जानें क्या कहती है यह रिपोर्ट:
नई दिल्ली: बढ़ती महंगाई के बीच लोगों की घरेलू आय में गिरावट आई है। यह जानकारी ब्रोकरेज फर्म सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Systematix Institutional Equities) की रिपोर्ट में सामने आई है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि यह गिरावट विभिन्न सालाना सर्वेक्षणों और डेटा सेट्स के सामने स्ट्रक्चरल चुनौतियों को बढ़ा रही है। इसमें पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे (पीएलएफएस), गैरपंजीकृत उद्यमों का वार्षिक सर्वे (एएसयूएसई), भारतीय रिजर्व बैंक का केएलईएमएस डेटा और घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस) शामिल हैं। रिपोर्ट में इस बात को भी बताया गया है कि लोगों की आय में जो गिरावट आई है, उसमें एक साथ सुधार नहीं होगा। यह धीरे-धीरे होगा। यह गिरावट अभी वास्तविक जीडीपी वृद्धि पर भार डालना जारी रखेगी और बैंकिंग क्षेत्र के लिए चुनौतियां पेश करेगी।
राज्य स्तर पर किया जाए प्रयास
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में हाउसहोल्ड (एचएच) की स्थिति हाल के महीनों में और कमजोर हुई है। इससे लोगों की वास्तविक आय में गिरावट जारी है, जिससे स्ट्रक्चरल ड्रैग बढ़ रहा है। बेहतर मानसून की संभावना के बावजूद उम्मीद की किरण दिखाई देती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि इस स्ट्रक्चरल ड्रैग को सरकारी खर्च को बढ़ाकर कम किया जा सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक यह खर्च ग्रामीण आय को बढ़ाने के उद्देश्य से राज्य स्तर पर किया जाना चाहिए।
कई सेगमेंट दिखी मांग में कमी
रिपोर्ट में इस बात के बारे में भी बताया गया है कि आमदनी में कमी के कारण कई सेगमेंट में मांग में कमी रही है। वहीं दूसरी ओर फैशन रिटेलर्स के मुताबिक उन्होंने इस दौरान काफी अच्छा प्रदर्शन किया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कई कंपनियों ने सीजन के अंत की बिक्री (ईओएसएस) के दौरान छूट को सीमित करके अपने मार्जिन को बनाए रखने में कामयाबी हासिल की है। आभूषण जैसे सेगमेंट में भी वृद्धि देखी गई है।
रिटेल लोन में आई कमी
रिपोर्ट में रिटेल लोन के बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लोन से जुड़े कुछ नियमों को सख्त कर रहा है। इसके कारण रिटेल लोन मांग में कमी आई है। जून 2024 तक रिटेल लोन वृद्धि 16.1 फीसदी रही जो मई 2024 में 19 फीसदी और एक साल पहले 21.3 फीसदी थी। वहीं क्रेडिट कार्ड से दिए जाने वाले लोन में भी गिरावट देखी गई है। इसमें साल-दर-साल (YoY) 14.2 फीसदी की गिरावट आई है।